दक्षिण-पूर्व एशिया के तीन देशों—इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड—में भारी बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इन देशों में हालात बद से बदतर हो गए हैं, जहां आपातकालीन दल लगातार राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं। इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 1,300 से अधिक हो गई है, जबकि 800 से अधिक लोग लापता हैं, जिनकी तलाश युद्ध स्तर पर जारी है।
मंगलवार (2 दिसंबर) को आपातकालीन दल जिंदा बचे लोगों तक पहुंचने और मलबे से शवों को निकालने में जुटे रहे। हालांकि, कई दिनों तक हुई भारी बारिश से कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे बचाव कार्यों में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हजारों लोग फंस गए हैं और कई मदद की आस लिए छतों और पेड़ों पर बैठे हुए हैं।
🇮🇩 इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा तबाही
अधिकारियों द्वारा मंगलवार को साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 1,303 लोग मारे गए हैं, जिनमें इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
| देश |
मृतकों की संख्या |
| इंडोनेशिया |
712 |
| श्रीलंका |
410 |
| थाईलैंड |
181 |
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने हालांकि कहा है कि फिलहाल मृतकों की सही संख्या बताना अभी जल्दबाजी होगी।
ध्वस्त बुनियादी ढांचा, बचाव में मुश्किलें
बाढ़ और भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित देश इंडोनेशिया हुआ है, जहां 507 लोग लापता हैं।
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सुमात्रा द्वीप के गांवों तक पहुंचने में बचावकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी है, क्योंकि यहां सड़कें बह गईं और पुल ढह गए।
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इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक, लोगों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर और नावें तैनात की गई हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि बिगड़ता मौसम और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के कारण बचाव अभियान धीमा पड़ रहा है।
इधर, श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र ने मंगलवार को बताया कि सेना के नेतृत्व वाली बचाव टीम चक्रवात तूफान 'दितवा' के बाद बाढ़ से तबाह हुए इलाकों में 336 लापता लोगों की तलाश में जुटी है। भूस्खलन की वजह से सड़कें और पुल ढहने से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है।
🇹🇭 थाईलैंड में बहाली का काम शुरू
दक्षिणी थाईलैंड में भीषण बाढ़ के बाद अब सड़कों और इमारतों की सफाई शुरू की गई है। यहां बाढ़ से 15 लाख से अधिक घर और 39 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारी पानी और बिजली समेत बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।
यह प्राकृतिक आपदा इन तीनों देशों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, जिसके लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है ताकि राहत और पुनर्वास कार्य को गति मिल सके।